सैलरी से टैक्स कटने से हैं परेशान? 2025 में अपनाएं ये 10 आसान Income Tax बचत के तरीके!

By Vikram

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10 Easy Ways to Save Income Tax on Salary

How to Save Tax for Salary: क्या आपकी मेहनत की कमाई का एक बड़ा हिस्सा हर महीने Income Tax में चला जाता है? क्या आप सोचते हैं कि सैलरी पर बहुत ज्यादा टैक्स देना पड़ रहा है? अगर हाँ, तो आप अकेले नहीं हैं। देश के लाखों सैलरीड व्यक्ति को भी हर साल यही चुनौती झेलनी पड़ती है। लेकिन राहत की बात यह है कि कुछ कानूनी तरीके अपनाकर आप अपने टैक्स का बोझ काफी हद तक कम कर सकते हैं।

इस आर्टिकल में हम आपको वित्तीय वर्ष 2025-26 (Assessment Year 2026-27) के लिए इनकम टैक्स बचाने के 10 सबसे असरदार और पूरी तरह से कानूनी तरीके बताएंगे। ये सुझाव खासतौर पर सैलरीड कर्मचारियों के लिए तैयार किए गए हैं। यहां आप जानेंगे कि कैसे निवेश, टैक्स डिडक्शन, सरकारी स्कीम्स और स्मार्ट टैक्स प्लानिंग के जरिए आप अपने टैक्स को घटाकर ज्यादा सेविंग कर सकते हैं। यह आर्टिकल पढ़ने के बाद आप अपने टैक्स प्लान को बेहतर बना पाएंगे। तो आइए जानतें है सैलरी टैक्स बचानें के 10 आसान तरीके (10 Easy Ways to Save Income Tax on Salary) के बारे में।

सैलरी पर इनकम टैक्स बचानें के 10 आसान तरीके 2025

बतादें की सैलरी पर टैक्स बचानें के तरीकें तो कई है लेकिन उनके बारे में अधिकतर लोगो नहीं, जानतें है। इसकी वजह से उनकी सैलरी का एक मोटा हिस्सा Income Tax में चला जाता है जिसकी वजह से उनके हाथ में सब खर्च निखालने के बाद कुछ भी नही बचता है ऐसे में आपको इस आर्टिकल में बताए गए तरीकों को अपना चाहिए।

1. EPF और PPF में निवेश

Investment in EPF and PPF
EPF और PPF में निवेश

अगर आपकी सैलरी से हर महीने टैक्स कट रहा है और आप इससे बचना चाहते हैं, तो EPF और PPF में निवेश करना एक समझदारी भरा कदम हो सकता है। ये दोनों निवेश विकल्प इनकम टैक्स एक्ट की धारा 80C के तहत आते हैं, जिससे आपको सालाना ₹1.5 लाख तक की टैक्स छूट मिल सकती है।

EPF (Employees’ Provident Fund):
EPF में आपका योगदान सीधे आपकी सैलरी से ऑटोमैटिक कटता है। यह एक लॉन्ग टर्म सेविंग स्कीम है, जिसमें न केवल टैक्स बचता है, बल्कि रिटायरमेंट के लिए भी एक सुरक्षित फंड तैयार होता है।

PPF (Public Provident Fund):
अगर आप और अतिरिक्त टैक्स बचत करना चाहते हैं, तो आप PPF अकाउंट खोलकर उसमें निवेश कर सकते हैं। इसमें सालाना अधिकतम ₹1.5 लाख तक निवेश कर सकते हैं, जिस पर ब्याज टैक्स फ्री होता है और यह पूरी तरह गारंटीड होता है।

क्यों अच्छा है?:
EPF और PPF दोनों में निवेश करने से आपको न सिर्फ टैक्स में राहत मिलती है, बल्कि ये सुरक्षित और गारंटीड रिटर्न भी देते हैं, जिससे आपका पैसा धीरे-धीरे बढ़ता है और भविष्य के लिए एक मजबूत फाइनेंशियल बेस बनता है।

अगर आपको EPF और PPF के बारें अधिक जाना है तो इससे जरुर पढ़ें: EPF Vs PPF: जानिए किस स्कीम में रिटायरमेंट के बाद मिलेगा ज़्यादा रिटर्न और टैक्स फायदा!

2. ELSS फंड्स

ELSS Funds
ELSS फंड्स

अगर आप अपनी सैलरी से कटने वाले टैक्स से परेशान हैं और एक स्मार्ट निवेश विकल्प तलाश रहे हैं, तो इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम (ELSS) आपके लिए एक बेहतरीन उपाय हो सकता है। यह स्कीम भी सेक्शन 80C के तहत आती है, जिसमें आप सालाना ₹1.5 लाख तक का टैक्स बचा सकते हैं। ELSS में या आप SIP (Systematic Investment Plan) या लम्पसम के ज़रिए निवेश कर सकते हैं, जो आपकी फाइनेंशियल प्लानिंग को बेहतर बनाता है।

क्यों अच्छा विकल्प है ELSS?:

  • टैक्स में छूट: सेक्शन 80C के तहत ₹1.5 लाख तक की टैक्स बचत
  • डायवर्सिफिकेशन: आपका पैसा इक्विटी मार्केट में कई कंपनियों में निवेश होकर रिस्क को कम करता है
  • कम लॉक-इन: केवल 3 साल की लॉक-इन अवधि, जो अन्य टैक्स सेविंग विकल्पों से कम है
  • उच्च रिटर्न की संभावना: लम्बे समय में ELSS से मिलने वाले रिटर्न पारंपरिक टैक्स सेविंग योजनाओं से अधिक हो सकते हैं

अगर आप 2025 में टैक्स प्लानिंग को गंभीरता से लेना चाहते हैं, तो ELSS जैसे फंड्स को अपनी फाइनेंशियल स्ट्रैटेजी में जरूर शामिल करें। और आप निवेश के साथ Income Tax की भी बचत कर सकते है कुल मिलाकर ELSS Fund आपके लिए एक बहतरीन टैक्स बचाने का तरीका है।

3. मेडिकल इंश्योरेंस

Medical Insurance
मेडिकल इंश्योरेंस

यदि आप अपनी सैलरी टैक्स को बचाना चाहतें हैं, तो धारा 80D के तहत मिलने वाले मेडिकल इंश्योरेंस टैक्स बेनिफिट को जरूर अपनाएं। अपने, जीवनसाथी, बच्चों और माता-पिता के लिए हेल्थ इंश्योरेंस खरीदकर आप न सिर्फ उन्हें मेडिकल इमरजेंसी से सुरक्षित कर सकते हैं, बल्कि अच्छी खासी टैक्स छूट भी पा सकते हैं। तो आइए जानतें है ये कैसे मुमकिन है

टैक्स बेनिफिट विवरण:

  • मेडिकल इंश्योरेंस अपने और परिवार, सदस्य के लिए लीजिए: सालाना ₹25,000 तक की टैक्स छूट मिलती है।
  • अगर आप या आपके परिवार के सदस्य (पति/पत्नी) सीनियर सिटीजन हैं: यह छूट ₹50,000 तक हो जाती है।
  • माता-पिता के लिए अलग से: ₹25,000 तक की अतिरिक्त छूट उपलब्ध है।
  • अगर माता-पिता सीनियर सिटीजन हैं: यह छूट भी बढ़कर ₹50,000 हो जाती है।

इस तरह, आप कुल मिलाकर सालाना ₹1 लाख तक की टैक्स बचत सिर्फ हेल्थ इंश्योरेंस के ज़रिए कर सकते हैं। इसलिए 2025 में इस विकल्प को अपनाकर न सिर्फ टैक्स बचाएं, बल्कि अपने परिवार की सेहत की सुरक्षा भी सुनिश्चित करें।

4. HRA का पूरा फायदा उठाएँ

House Rent Allowance
HRA का पूरा फायदा उठाएँ

आप अगर किराए के मकान में रहते हैं, तो आपकी सैलरी में शामिल हाउस रेंट अलाउंस (HRA) आपके लिए टैक्स बचत का एक बेहतरीन जरिया बन सकता है। इसके लिए आपको अपने मकान मालिक से रेंट रसीदें लेकर ऑफिस में जमा करनी होंगी, ताकि आप HRA क्लेम कर सकें। रेंट रसीदें आपकी टैक्सेबल इनकम को घटा सकती हैं, जिससे टैक्स कम देना होगा।

टिप: अगर आपकी सैलरी में HRA शामिल नहीं है, तब भी घबराने की जरूरत नहीं। आप Income Tax Act की धारा 80GG के तहत किराए पर रहने के लिए टैक्स छूट ले सकते हैं। इसके तहत आप सालाना ₹60,000 तक (₹5,000 प्रति माह) की छूट का लाभ उठा सकते हैं। इसके लिए कुछ शर्तें होती हैं, जैसे कि आपके नाम पर कोई घर न हो और आप फॉर्म 10BA फाइल करें। इसके अलावा HRA या 80GG, दोनों ही विकल्प आपके लिए टैक्स बचत के लिए बेहद उपयोगी हैं, बस आपको सही दस्तावेज़ और जानकारी के साथ क्लेम करना होगा।

5. होम लोन का ब्याज

home loan interest
होम लोन का ब्याज

अधिकतर लोग अपने घर खरीदने के लिए होम लोन लेते है और अगर आप भी उन लोंगो में से एक है, तो आपके पास टैक्स बचाने का शानदार मौका है। बतादें की यह इनकम टैक्स एक्ट की धारा 24(b) के तहत आता है, जिसकी वजह होम लोन के ब्याज पर आपको सालाना ₹2 लाख तक की छूट मिलती है, बशर्ते यह प्रॉपर्टी आपके खुद के इस्तेमाल के लिए हो। अगर घर किराए पर दिया गया है, तो ब्याज की सीमा हट जाती है और पूरा ब्याज टैक्स डिडक्शन के लिए क्लेम किया जा सकता है।

इतना ही नहीं, होम लोन की मूल राशि (Principal) के भुगतान पर भी धारा 80C के तहत ₹1.5 लाख तक की अतिरिक्त छूट मिलती है। यानी एक होम लोन लेने से आप कुल मिलाकर ₹3.5 लाख तक की टैक्स बचत कर सकते हैं – शर्त यही है कि लोन बैंक या मान्यता प्राप्त वित्तीय संस्था से लिया गया हो और प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री आपके नाम हो।

आपको बतादें की टैक्स बचत के लिए यह तरीका खास तौर पर मिडिल क्लास सैलरीड लोगों के लिए बेहद फायदेमंद माना जाता है, जो EMI भरते हैं और साथ ही टैक्स से भी राहत पाना चाहते हैं।

6. NPS निवेश पर पाएं ₹2 लाख तक की टैक्स छूट

NPS Funds
NPS निवेश पर पाएं ₹2 लाख तक की टैक्स छूट

सैलरी से हर महीने ज्यादा टैक्स कटता है और आप इससे राहत पाना चाहते हैं, तो नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) में निवेश आपके लिए बेहद फायदेमंद हो सकता है। यह न केवल आपके रिटायरमेंट के लिए एक मजबूत फंड बनाता है, बल्कि आपको टैक्स बचाने में डबल बेनिफिट भी देता है।

NPS के तहत आप दो सेक्शन में टैक्स छूट का फायदा ले सकते हैं:

  • ₹1.5 लाख तक की छूट सेक्शन 80C के तहत, जो PPF, LIC, और अन्य बचत योजनाओं के साथ आती है।
  • इसके अलावा, अतिरिक्त ₹50,000 की छूट सेक्शन 80CCD(1B) के तहत केवल NPS निवेश के लिए अलग से मिलती है।

कुल मिलाकर आप ₹2 लाख तक की टैक्स बचत सिर्फ NPS में निवेश करके कर सकते हैं। यह स्कीम खास तौर पर उन सैलरी क्लास लोगों के लिए बेस्ट है, जिनकी टैक्स स्लैब ज्यादा है और जो लॉन्ग टर्म सेविंग के साथ-साथ टैक्स में भी कटौती चाहते हैं।

NPS की सबसे बड़ी खासियत ये है कि यह सरकार द्वारा समर्थित है, सुरक्षित है और रिटायरमेंट के बाद आपको नियमित पेंशन के रूप में इनकम भी देता है। अगर आपने अभी तक NPS में निवेश शुरू नहीं किया है, तो 2025 में इसे ज़रूर अपनाएं – टैक्स बचत के साथ भविष्य की सुरक्षा भी पक्की होगी!

आप एक बार इन पोस्ट ऑफिस की स्कीम के बारें में भी पढ़ें: Post Office की इन 5 योजनाओं में करें निवेश, हर साल पाएं गारंटीड रिटर्न!

7: शिक्षा लोन ब्याज पर Tax बचत

Education Loan Interest
शिक्षा लोन ब्याज पर Tax बचत

अगर आपने खुद की पढ़ाई या अपने बच्चों की उच्च शिक्षा के लिए एजुकेशन लोन लिया है, तो आपके लिए इनकम टैक्स में बचत का शानदार मौका है। इनकम टैक्स अधिनियम की धारा 80E के तहत, एजुकेशन लोन के ब्याज (Interest) पर पूरा टैक्स छूट दिया जाता है — और सबसे खास बात ये है कि इस पर कोई अधिकतम सीमा नहीं मिलती है

इसका मतलब यह है कि चाहे ब्याज ₹50,000 हो या ₹5 लाख, आप पूरा ब्याज टैक्स फाइलिंग के दौरान कटौती के रूप में क्लेम कर सकते हैं। यह कटौती आपको तब तक मिलती है जब तक आप लोन चुका रहे हैं, अधिकतम 8 वर्षों तक (यानी जिस साल से आप ब्याज चुकाना शुरू करते हैं, उस साल से अगले 7 साल तक) टैक्स में छुट मिलती है।

शिक्षा लोन ब्याज पर कब मिलेगा फायदा:

  • लोन केवल मान्यता प्राप्त वित्तीय संस्थान या बैंक से होना चाहिए।
  • लोन का उद्देश्य उच्च शिक्षा होना चाहिए — भारत या विदेश में।

टिप: अगर आप या आपके बच्चे विदेश या भारत में पढ़ाई कर रहे हैं और लोन लिया है, तो ब्याज पर टैक्स छूट का पूरा फायदा उठाएं। यह न सिर्फ टैक्स कम करता है बल्कि आपकी शिक्षा में किया गया निवेश भी आर्थिक रूप से हल्का बनाता है।

8. दान करें, साथ में टैक्स बचत

Donate and save taxes
दान करें, साथ में टैक्स बचत

यदि आप टैक्स में छूट चाहते हैं और साथ ही समाज में योगदान भी देना चाहते हैं, तो इनकम टैक्स अधिनियम की धारा 80G आपके लिए बेहद फायदेमंद है। इस सेक्शन के तहत आप मान्यता प्राप्त संस्थाओं को दान करके टैक्स में राहत पा सकते हैं।

आप प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष, भारतीय रेड क्रॉस सोसाइटी, या राज्य सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त किसी संस्था को दान देकर 50% या 100% तक की टैक्स छूट भी प्राप्त कर सकते हैं। यह छूट इस पर भी निर्भर करती है कि आपने किस संस्था को दान किया है और क्या वह संस्था पूरी छूट के लिए योग्य है।

ध्यान देने वाली बात यह है कि यह आपको इनकम टैक्स में छूट तभी मिलेगी जब आपके पास दान की रसीद हो और संस्था का 80G सर्टिफिकेट उपलब्ध हो। कैश में दिया गया दान ₹2,000 से अधिक नहीं होना चाहिए — इससे अधिक राशि के लिए चेक, बैंक ट्रांसफर या डिजिटल मोड अनिवार्य है।

क्यों अच्छा है?

  • टैक्स बचत के साथ समाज के लिए सकारात्मक योगदान
  • 50% या 100% छूट का फायदा, संस्था के आधार पर
  • बिना किसी निवेश के टैक्स प्लानिंग का विकल्प

अगर आप हर साल सोचते हैं कि टैक्स कैसे बचाएं, तो इस बार 2025 में दान के इस विकल्प को जरूर अपनाएं – इससे ना सिर्फ आपका टैक्स बचेगा, बल्कि किसी जरूरतमंद को मदद भी मिलेगी।

9. Standard Deduction का फायदा

Standard Deduction Benefit
Standard Deduction का फायदा

अगर आप एक सैलरीड व्यक्ति हैं, तो आपके लिए अच्छी खबर है क्योंकि आपको हर साल अपने टैक्सेबल इनकम पर ₹50,000 का स्टैंडर्ड डिडक्शन ऑटोमैटिक मिल जाता है। इसका मतलब ये है कि आपकी कुल आय में से ₹50,000 की कटौती खुद-ब-खुद हो जाती है, जिससे आपकी टैक्स देनदारी कम हो जाती है।

इसकी सबसे खास बात ये है कि इस डिडक्शन को पाने के लिए आपको किसी भी तरह का निवेश या दस्तावेज़ी प्रक्रिया को पूरी करने की जरूरत नहीं होती है। ये लाभ आपको आपकी सैलरी इनकम पर सीधे मिलता है, जिससे आपकी टैक्सेबल इनकम घट जाती है और टैक्स की बचत भी होती है।

नोट: इसे क्लेम करने के लिए कुछ करने की ज़रूरत नहीं – ये सुविधा सरकार द्वारा सैलरीड लोगों को दी जाती है ताकि टैक्स का बोझ थोड़ा कम हो सके। कुल मिलाकर आपको इसके लिए कुछ भी करने की आवश्यकता नही है।

10. LTA क्लेम करें (Leave Travel Allowance)

Leave Travel Allowance
LTA क्लेम करें

सैलरी से टैक्स बचाना है, तो Leave Travel Allowance (LTA) एक बेहतरीन तरीका है टैक्स बचत का। LTA के तहत आप हर 2 साल में एक बार अपने परिवार के साथ की गई यात्रा का खर्च क्लेम कर सकते हैं। इसके लिए आपको बस अपनी यात्रा से जुड़े बिल जैसे कि ट्रेन, फ्लाइट या बस टिकट की रसीदें जमा करनी होती हैं। यह लाभ केवल भारत के भीतर की गई यात्रा पर ही मिलता है।

इस बात को भी याद रखें:

इस छूट में केवल यात्रा का खर्च शामिल होता है, जैसे कि ट्रांसपोर्ट टिकट। होटल का किराया, खाना, शॉपिंग या अन्य पर्सनल खर्चों पर कोई छूट नहीं मिलती। अगर आपने सही तरीके से डॉक्युमेंटेशन किया है, तो यह आपकी टैक्स देनदारी को काफी हद तक कम कर सकता है। इसलिए अगली बार जब छुट्टी पर जाएं, तो LTA क्लेम करना न भूलें।

निष्कर्ष

अंत में, अगर आप सैलरी से कटने वाले टैक्स से परेशान हैं, तो अब चिंता की जरूरत नहीं है। ऊपर बताए गए 10 आसान और कानूनी तरीकों को अपनाकर आप न सिर्फ अपनी Taxable Income को घटा सकते हैं, बल्कि स्मार्ट फाइनेंशियल प्लानिंग करके अपनी सेविंग्स और भविष्य की सुरक्षा भी सुनिश्चित कर सकते हैं। चाहे वो EPF/PPF जैसे पारंपरिक निवेश हों, ELSS या NPS जैसे आधुनिक विकल्प, या फिर मेडिकल इंश्योरेंस, HRA और LTA जैसे डिडक्शन – हर तरीका आपके टैक्स के बोझ को कम करने में मदद करता है।

इसके अलावा 2025-26 का वित्तीय वर्ष आपके लिए टैक्स बचाने और सेविंग बढ़ाने का सबसे अच्छा मौका हो सकता है – बस जरूरत है सही जानकारी और सही प्लानिंग की।

👉तो अब देर किस बात की?
आज ही इन उपायों को अपनाएं और अपने टैक्स प्लान को मजबूत बनाएं। क्योंकि अच्छी सेविंग ही है स्मार्ट कमाई की असली पहचान!

FAQ:

क्या मैं EPF और PPF दोनों में निवेश कर सकता हूँ और टैक्स बचा सकता हूँ?

हाँ, आप दोनों में निवेश कर सकते हैं। लेकिन धारा 80C के तहत ₹1.5 लाख तक की कुल छूट मिलेगी। यानी EPF और PPF को मिलाकर ही ₹1.5 लाख तक टैक्स छूट मिलेगी।

अगर मेरी सैलरी में HRA नहीं है तो क्या मैं किराए पर छूट पा सकता हूँ?

हाँ, आप सेक्शन 80GG के तहत ₹60,000 (₹5,000/माह) तक की टैक्स छूट पा सकते हैं। इसके लिए फॉर्म 10BA भरना जरूरी है और आपके नाम पर कोई खुद का मकान नहीं होना चाहिए।

क्या ये सभी टैक्स बचत के उपाय New Tax Regime में भी लागू होते हैं?

नहीं, New Tax Regime में बहुत सी छूटें (जैसे 80C, 80D, HRA, LTA) नहीं मिलतीं। अगर आप ये सभी टैक्स बचत उपाय अपनाना चाहते हैं, तो Old Tax Regime चुनें।

Vikram

Vikram एक फाइनेंस ब्लॉगर हैं, जो पैसे बचाने, बजट बनाने और स्मार्ट निवेश पर सरल और उपयोगी जानकारी साझा करते हैं। उनका उद्देश्य है भारत के हर व्यक्ति को बचत के बारें में जागरु करना है ये पिछले 3 वर्षों से फाइनेंस से जुड़े हुए हैं।

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