ICICI Bank ने हाल ही में अपने नए सेविंग अकाउंट्स के लिए न्यूनतम बैलेंस की शर्त को ₹10,000 से बढ़ाकर सीधे ₹50,000 कर दिया है। यह फैसला साफ संकेत देता है कि बैंक अब मध्यम और उच्च आय वर्ग के ग्राहकों को ही टारगेट करना चाहता है। इसकी तुलना ऐसे की जा रही है जैसे की Loan कंपनी ऐसे लोगो को टारगेट करती है जिनको असान पैसे की आवश्यकता है उनको टारगेट करेगी, न कि Jiomart की तरह जो हर बेसिक सामान बेचती है।
पब्लिक सेक्टर बैंकों का अलग रुख
इसके उलट, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक बहुत कम या जीरो बैलेंस की शर्त रखते हैं। आपको बतादें की 2017 में SBI ने ₹5,000 की शर्त लागू की थी, लेकिन विरोध के बाद इसे वापस लेना पड़ा था। उसके बाद सरकार के वित्तीय सेवा विभाग ने तब से पब्लिक सेक्टर बैंकों को कम से कम बैलेंस रखने की सलाह दी है ताकि कम आय वर्ग के लोग भी बैंकिंग सेवाओं का लाभ उठा सकें। ऐसे में अभी हाल ही में देश में काफी बैंक ने इस बात को मान लिए है।
भारत के प्राइवेट बैंकों में नई दौड़?
अब सवाल उठ रहा है कि HDFC और Axis Bank जैसे अन्य निजी बैंक भी ICICI के इस कदम का अनुसरण करेंगे या नहीं। Kotak Bank ने फिलहाल ऐसा करने से इनकार किया है। अगर ऐसे ही ICICI Bank Minimum Balance ₹10,000 से बढ़ाकर सीधे ₹50,000 करने से बैंक को तो लाभ होगा। वहीं कम इनकम वाले खाताधारक को प्लेंटी का डर हमेशा रहेगा। एक अनुमान के अनुसार ICICI के इस कदम के बाद कम इनकम वाले खाताधारक अपना खाता बंद करवा सकते है।
ICICI बैंक का क्या कहना है?
बैंक का मानना है कि टेक्नोलॉजी और मेंटेनेंस की लागत लगातार बढ़ रही है। सेविंग अकाउंट में पासबुक, डेबिट कार्ड, और कस्टमर सर्विस जैसी सुविधाएं खर्चीली हैं। ऐसे में ICICI बैंक छोटे खातों की बजाय बड़े खातों को प्राथमिकता देना चाहते हैं।
बेसिक सेविंग अकाउंट अब भी उपलब्ध है
आपको बतादें की ICICI के इस बदलाव के बाद भी RBI के नियमों के मुताबिक, सभी बैंकों को बेसिक सेविंग अकाउंट उपलब्ध कराना अनिवार्य है, जिसमें कोई या बहुत कम बैलेंस की शर्त होती है। लेकिन ये खाते सालाना ₹1 लाख तक की क्रेडिट लिमिट वाले छोटे जमाकर्ताओं के लिए ही होते हैं।
RBI की प्रतिक्रिया?
हालांकि ICICI Bank ने कोई नियम नहीं तोड़ा है, लेकिन RBI यह तर्क दे सकता है कि बैंकिंग एक पब्लिक यूटिलिटी है, जिसे सिर्फ अमीरों के लिए नहीं चलाया जा सकता। RBI फिलहाल स्थिति पर नजर रख सकता है और जरूरत पड़ने पर ‘मोरल सुएशन’ का इस्तेमाल भी कर सकता है।
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