EPF Vs PPF: जानिए किस स्कीम में रिटायरमेंट के बाद मिलेगा ज़्यादा रिटर्न और टैक्स फायदा!

By Vikram

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EPF Vs PPF

EPF vs PPF: अगर आप भी रिटायरमेंट के बाद की अपनी जिंदगी को सुरक्षित और आर्थिक रूप से मजबूत बनाना चाहते हैं, तो आपके के पास EPF (Employees’ Provident Fund) और PPF (Public Provident Fund) दो प्रमुख निवेश विकल्प हैं जो आपके लिए मददगार साबित हो सकते हैं। लेकिन अब सवाल यह उठता है कि इन दोनों में से कौन-सी स्कीम बेहतर है? इसलिए आज हम आपके मन में चल रहें EPF और PPF से जुड़े सभी सवालों के जवाब इस लेख में देने वाले है — जानेंगे दोनों में मिलने वाले ब्याज, टैक्स बेनिफिट, लॉक-इन पीरियड, रिटर्न और सुरक्षा से जुड़ी अहम जानकारियां। अंत में आपको यह समझने में आसानी होगी कि आपकी जरूरत और लक्ष्य के अनुसार कौन-सी स्कीम आपके लिए सही है।

EPF और PPF क्या हैं?

EPF और PPF क्या हैं?
EPF और PPF क्या हैं?

EPF (Employees’ Provident Fund) और PPF (Public Provident Fund) भारत सरकार द्वारा संचालित दो प्रमुख बचत योजनाएं हैं, जिनका उद्देश्य भारतीय नागरिकों को लॉन्ग टर्म निवेश और रिटायरमेंट के बाद वित्तीय सुरक्षा प्रदान करना है। आपको बतादें की EPF एक नौकरीपेशा व्यक्ति की आय का एक निश्चित हिस्सा होता है, जिसे नियोक्ता और कर्मचारी दोनों मिलकर मासिक रूप से इन योजना में पैसे जमा करते हैं। यह केवल संगठित क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए होता है। वहीं, PPF एक सरकारी बचत योजना है, जिसमें कोई भी भारतीय नागरिक निवेश कर सकता है, चाहे वह नौकरीपेशा हो या स्वरोजगार से जुड़ा हो। यह योजना टैक्स लाभ, सुरक्षित ब्याज दर और लॉक-इन पीरियड जैसी सुविधाएं प्रदान करती है, जिसकी वजह से यह छोटे निवेशकों के बीच भी काफी लोकप्रिय है।

EPF और PPF में निवेश की योग्यता और पात्रता

हमनें पहले ही आपको बताया है की EPF और PPF दोनों ही लॉन्ग टर्म बचत योजनाएं हैं, लेकिन इनमें निवेश करने की योग्यता और पात्रता अलग-अलग होती है। जैसे की EPF योजना केवल संगठित क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए होती है, जिनका वेतन किसी कंपनी या संस्थान द्वारा दिया जाता है और जिनकी कंपनी EPF एक्ट के तहत रजिस्टर्ड होती है। इसमें नियोक्ता और कर्मचारी दोनों योगदान करते हैं। वहीं अगर हम, PPF के बारें में बात करें तो यह एक सरकारी योजना है जिसमें कोई भी भारतीय नागरिक निवेश कर सकता है, चाहे वह नौकरीपेशा हो, स्वरोज़गार में हो या गृहिणी (Housewife)। इसमें कम से कम ₹500 और अधिकतम ₹1.5 लाख तक सालाना निवेश किया जा सकता है।

EPF Vs PPF ब्याज दरों की तुलना (2020 से 2025 तक)

हमनें EPF और PPF ब्याज दरों की Comparison टेबल (2020 से 2025), तक तयार की है जिसमें आप देख सकते है की पिछले 5 वित्त वर्ष में दोनों स्कीमों की ब्याज दरें कितनी मिल रही हैं:

EPF Vs PPF ब्याज दरें(2020 से 2025 तक)EPF ब्याज दर (%)PPF ब्याज दर (%)
2020-218.50%7.10%
2021-228.10%7.10%
2022-238.15%7.10%
2023-248.25%7.10%
2024-25 (Q1)8.25%7.10%
2024-25 (Q2)8.25%7.10%

आपको बतादें इन ब्याज दरों की जानकारी हमनें cleartax.in और paisabazaar.com से ली है इसके अलावा आप टेबल में देख सकते है, EPF की ब्याज दरों में पिछले 5 वित्त वर्ष में उतार चढ़ाव देखने को मिला है लेकिन वहीं हमें PPF की ब्याज दरों में पिछले 5 वित्त वर्ष में उतार चढ़ाव देखने को नही मिला है। अभी आप खुद निर्णय ले आपको किसमें निवेश करना चाहिए।

EPF और PPF में निवेश की अवधि और लॉक-इन पीरियड कितना है?

EPF और PPF दोनों ही लॉन्ग टर्म निवेश विकल्प हैं, जो निवेशकों को रिटायरमेंट के लिए सेविंग्स बनाने का मौका देते हैं। लेकिन इन दोनों स्कीमों की निवेश अवधि और लॉक-इन पीरियड में फर्क होता है।

EPF में निवेश की अवधि और लॉक-इन पीरियड:

  • निवेश अवधि: जब तक व्यक्ति नौकरी में रहता है, EPF में निवेश अनिवार्य रहता है।
  • लॉक-इन पीरियड: EPF की राशि सामान्यतः रिटायरमेंट (58 वर्ष) पर निकाली जा सकती है।
    हालाँकि, कुछ विशेष परिस्थितियों जैसे घर खरीदना, बीमारी या शादी आदि के लिए आंशिक निकासी की अनुमति होती है।

PPF में निवेश की अवधि और लॉक-इन पीरियड:

  • निवेश अवधि: PPF की मूल निवेश अवधि 15 साल की होती है।
  • लॉक-इन पीरियड: पूरी अवधि के दौरान राशि लॉक रहती है, यानी 15 साल तक पूरी निकासी नहीं की जा सकती। हालांकि, 7वें साल से आंशिक निकासी और 15 साल के बाद 5-5 साल की अवधि में एक्सटेंशन की सुविधा होती है।

इसके अलावा इन टैक्स में कितनी छूट मिलती है तो चलिए अब बात करते हैं इन दोनों ही बचत योजनाओं में आपको कितनी टैक्स छूट मिलेगी।

EPF और PPF में टैक्स में कितनी छूट मिलती है?

EPF और PPF में टैक्स में कितनी छूट मिलती है?
EPF और PPF में टैक्स में कितनी छूट मिलती है?

आपको बतादें की EPF और PPF दोनों ही लॉन्ग टर्म सेविंग स्कीम हैं, जिनमें निवेश पर टैक्स में छूट मिलती है। लेकिन दोनों के लिए नियम थोड़े अलग होते हैं। आइए जानते हैं कि इन दोनों स्कीम में कितनी टैक्स छूट मिलती है और कैसे।

टैक्स छूट:

स्कीमटैक्स छूट (धारा 80C)ब्याज पर टैक्समेच्योरिटी अमाउंट पर टैक्स
EPF₹1.5 लाख तक (धारा 80C)2.5 लाख से ज्यादा ब्याज टैक्सेबल5 साल बाद पूरा टैक्स फ्री
PPF₹1.5 लाख तक (धारा 80C)पूरी तरह टैक्स फ्रीपूरी तरह टैक्स फ्री

एक उदाहरण से समझिए:

  • अगर आपने साल भर में ₹1.5 लाख EPF या PPF में निवेश किया है, तो उतनी रकम आपकी कुल टैक्सेबल इनकम से घटा दी जाएगी।
  • ध्यान दें PPF पर मिलने वाला ब्याज पूरी तरह टैक्स फ्री होता है, जबकि EPF में 2.5 लाख सालाना से ज्यादा निवेश पर मिलने वाले ब्याज पर टैक्स लगता है।

टिप्स: वहीं अगर आप एक सुरक्षित और टैक्स फ्री रिटर्न चाहते हैं तो PPF बेहतर विकल्प हो सकता है, लेकिन अगर आपकी सैलरी में EPF कटता है तो वो भी एक मजबूत रिटायरमेंट टूल है। आप चाहें तो दोनों स्कीम में एक साथ निवेश कर सकते हैं, लेकिन ध्यान रहे कि धारा 80C की कुल सीमा ₹1.5 लाख ही है। इसलिए आप इन दोनों ही स्कीम में निवेश करने से पहले इन सभी पॉइंट पर जरुर ध्यान दीजिए।

दोनों ही स्कीम में मिलती है जोखिम और गारंटी

EPF और PPF दोनों ही लंबी अवधि की बचत योजनाएं हैं, लेकिन इनमें जोखिम और गारंटी का स्तर अलग होता है। EPF में आपकी सैलरी का एक हिस्सा जमा होता है, जिसमें नियोक्ता का योगदान भी शामिल होता है, और यह पूरी तरह सरकार द्वारा सुरक्षित होता है। वहीं, PPF भी सरकार समर्थित स्कीम है, जिसमें मिलने वाला ब्याज और मूलधन की गारंटी होती है।

उदाहरण के लिए:

  • EPF: नौकरीपेशा लोगों के लिए, जहां कर्मचारी और नियोक्ता दोनों योगदान करते हैं
  • PPF: कोई भी नागरिक खोल सकता है, 15 साल की लॉक-इन अवधि
  • EPF रिटर्न: गारंटीड लेकिन नौकरी परिवर्तन पर प्रभावित हो सकता है
  • PPF रिटर्न: सरकार द्वारा तय ब्याज दर, टैक्स फ्री रिटर्न मिलेगा।

टिप्स: वहीं अगर आपकी आय नौकरी से है तो EPF में योगदान स्वतः होता है, लेकिन PPF में आप अलग से निवेश कर सकते हैं। सुरक्षा और टैक्स छूट दोनों के लिए इन योजनाओं का संतुलित उपयोग करें। कुल मिलाकर आपको दोनों ही स्कीम में जोखिम और गारंटी दी जाती है।

EPF और PPF में कौन-सी स्कीम किसके लिए बेहतर है?

लेकिन अब बता इस पर आकर रुक जाती है की EPF और PPF दोनों ही लॉन्ग-टर्म सेविंग स्कीम हैं, जो रिटायरमेंट और भविष्य की वित्तीय सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए बनाई गई हैं। लेकिन इन दोनों में कुछ खास अंतर होते हैं, जो यह तय करते हैं कि कौन-सी स्कीम किसके लिए बेहतर रहेगी। तो आइए जानतें है रिटायरमेंट के बाद आपके भविष्य की वित्तीय सुरक्षा के लिए कौन सी स्कीम सही रहेगी।

उदाहरण के लिए:

  • EPF:
    ✔ केवल नौकरीपेशा कर्मचारियों के लिए
    ✔ बेसिक सैलरी का 12% योगदान अनिवार्य
    ✔ वर्तमान ब्याज दर: 8.25% (FY 2024-25)
    ✔ टैक्स फ्री रिटर्न (कुछ शर्तों के साथ)
  • PPF:
    ✔ सभी भारतीय नागरिकों के लिए (नौकरीपेशा, बिजनेस, छात्र आदि)
    ✔ न्यूनतम निवेश ₹500 सालाना, अधिकतम ₹1.5 लाख
    ✔ वर्तमान ब्याज दर: 7.1% (सरकार द्वारा तय)
    ✔ 15 साल की लॉक-इन अवधि

किसके लिए कौन-सी बेहतर है?

अगर आप नौकरीपेशा हैं और EPF में पहले से योगदान हो रहा है, तो यह आपके लिए अनिवार्य और बेहतर विकल्प है। लेकिन यदि आप स्वरोजगार में हैं, स्टूडेंट हैं या एक अतिरिक्त टैक्स-सेविंग विकल्प की तलाश में हैं, तो PPF एक सुरक्षित और अच्छा विकल्प साबित हो सकता है। यदि आपके लिए संभव हो तो दोनों स्कीम में निवेश करके संतुलन बना सकते है।

निष्कर्ष

EPF और PPF दोनों ही योजनाएं लॉन्ग-टर्म फाइनेंशियल सिक्योरिटी के लिए बेहद उपयोगी हैं, लेकिन इनका चुनाव आपकी आय के स्रोत, निवेश क्षमता, टैक्स प्लानिंग और फाइनेंशियल गोल पर निर्भर करता है। इसके अलावा अगर आप नौकरीपेशा हैं, तो EPF आपके लिए अनिवार्य और फायदेमंद रहेगा, क्योंकि इसमें नियोक्ता का भी योगदान होता है और ब्याज दर अपेक्षाकृत अधिक है। वहीं, यदि आप स्वरोजगार में हैं, गृहिणी हैं या एक टैक्स फ्री और सुरक्षित रिटर्न चाहते हैं, तो PPF आपके लिए एक बेहतरीन विकल्प है।

सबसे अहम बात यह है कि दोनों योजनाएं सरकार द्वारा समर्थित हैं और रिटायरमेंट के लिए सुरक्षित साधन प्रदान करती हैं। यदि आपकी आय की स्थिति अनुमति देती है तो EPF और PPF दोनों में संतुलित निवेश करके आप टैक्स बचत और भविष्य की फाइनेंशियल मजबूती – दोनों का लाभ ले सकते हैं।

FAQ:

EPF और PPF में सबसे ज्यादा ब्याज किस स्कीम में मिलता है?

2020 से 2025 के आंकड़ों के अनुसार EPF पर मिलने वाला ब्याज PPF की तुलना में ज्यादा रहा है। FY 2024-25 में EPF का ब्याज 8.25% है जबकि PPF का 7.1% ब्याज दरें देखने को मिलती हैं

EPF और PPF में टैक्स छूट किसमें बेहतर है?

दोनों स्कीमों में सेक्शन 80C के तहत ₹1.5 लाख तक की टैक्स छूट मिलती है। लेकिन PPF का ब्याज और मेच्योरिटी अमाउंट पूरी तरह टैक्स फ्री है, जबकि EPF पर 2.5 लाख से ज्यादा ब्याज टैक्सेबल हो सकता है।

क्या EPF से पैसे नौकरी के दौरान भी निकाले जा सकते हैं?

हां, कुछ विशेष परिस्थितियों जैसे घर खरीदना, बीमारी या शादी के लिए EPF से आंशिक निकासी की सुविधा होती है।

Vikram

Vikram एक फाइनेंस ब्लॉगर हैं, जो पैसे बचाने, बजट बनाने और स्मार्ट निवेश पर सरल और उपयोगी जानकारी साझा करते हैं। उनका उद्देश्य है भारत के हर व्यक्ति को बचत के बारें में जागरु करना है ये पिछले 3 वर्षों से फाइनेंस से जुड़े हुए हैं।

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