ITR Filing की आखिरी तारीख पास आती है, लोग जल्दी-जल्दी में Income Tax Return भरने लगते हैं। इसी जल्दबाज़ी में कई बार लोगों से ऐसी आम गलतियां हो जाती हैं, जो बाद में आपकी जेब पर भारी पड़ सकती हैं। ये छोटी-छोटी गलतियां आपको Penalty, Income Tax Notice, या Refund Delay तक पहुंचा सकती हैं। अगर आप चाहते हैं कि आपका Tax Filing प्रोसेस बिना किसी परेशानी के पूरा हो, तो इन गलतियों से बचना बहुत ज़रूरी है। इस लेख में हम जानेंगे ऐसी 5 बड़ी ITR Filing Mistakes जिनसे बचकर आप न सिर्फ पैसे बचा सकते हैं, बल्कि मानसिक तनाव से भी दूर रह सकते हैं।
क्यों जरूरी है सही ITR Filing?
सही ITR Filing करना सिर्फ कानूनी जिम्मेदारी नहीं, बल्कि आपकी वित्तीय सुरक्षा के लिए भी जरूरी है। ऐसा इसलिए क्योंकि अगर आप गलत जानकारी भरते हैं या तय तारीख के बाद फाइल करते हैं, तो भारी जुर्माना, नोटिस और रिफंड में देरी हो सकती है। बैंक लोन, वीजा या क्रेडिट कार्ड के लिए भी सही ITR इतिहास जरूरी होता है। साल 2025 में डिजिटल निगरानी बढ़ गई है, ऐसे में आपको छोटी गलती भी जेब पर भारी पड़ सकती है। इसलिए सही समय पर, सही फॉर्म और सही दस्तावेज़ों के साथ ITR भरना बेहद जरूरी है। तो आइए जानतें है उन 5 गलतियां के बारे में जिससे अधिकतर लोग ITR Filing के दौरान करते है।
2025 में ITR Filing में ये 5 गलतियां करने से बचें:
आपको बतादें की 2025 मई महीने के आखिरी में इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करने की डेट 31 जुलाई से बढ़ाकर 15 सितंबर, 2025 कर दी थी। 15 सितंबर 2025 की मौजूदा समय सीमा को पूरा करने में सिर्फ 50 दिन बचे हैं तारीख आगे बढ़ गई है लेकिन लोग हर बार ये गलतियां दोहराते हैं
1. ITR Filing गलत फॉर्म का चयन
अगर आपने अपनी इनकम के अनुसार सही ITR फॉर्म नहीं भरा, तो आपकी फाइलिंग अमान्य मानी जा सकती है। उदाहरण के लिए, सैलरी पाने वाले व्यक्ति को ITR-1 भरना चाहिए, लेकिन अगर उसके पास कैपिटल गेन या फ्रीलांस इनकम है, तो उसे ITR-2 या ITR-3 भरना होगा। गलत फॉर्म भरने से आपको Income Tax Notice आ सकता है या आपका रिफंड अटक सकता है।
इसलिए आप ITR फॉर्म चुनने से पहले अपनी आय के स्रोतों की पूरी जानकारी इकट्ठा करें। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की वेबसाइट पर हर फॉर्म की पात्रता स्पष्ट रूप से दी गई है, उसे ध्यान से पढ़ें या किसी टैक्स एक्सपर्ट से सलाह जरुर लें।
2. इनकम या निवेश छिपाना
ITR फाइल करते समय अगर आप अपनी कोई इनकम या निवेश जैसे FD का ब्याज, Stock Market से कमाई, Freelance इनकम या किराये से कमाई छिपाते हैं, तो ये बड़ी गलती हो सकती है। बतादें की इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के पास अब अधिकांश वित्तीय जानकारी पहले से उपलब्ध होती है इनकम टैक्स डिपार्टमेंट यह जानकारी 26AS और AIS रिपोर्ट से जानकारी इकट्ठा करता है।
इसके अलावा अगर आपकी घोषित इनकम और वास्तविक इनकम में फर्क पाया गया है, तो आपको Income Tax की और से नोटिस, जुर्माना या ब्याज देना पड़ सकता है। इससे बचने के लिए सभी इनकम स्रोतों को ईमानदारी से शामिल करें, चाहे वो टैक्सेबल हों या टैक्स फ्री।
3. बैंक खाते की गलत जानकारी देना
यदि ITR फाइल करते समय अगर आप अपने बैंक खाते की गलत जानकारी दे देते हैं, जैसे कि खाता नंबर, IFSC कोड या अकाउंट टाइप (सेविंग या करंट), तो इससे आपका टैक्स रिफंड अटक सकता है या फिर पूरी तरह फेल भी हो सकता है। ऐसे में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट रिफंड सीधे उसी बैंक खाते में पैसे भेजता है जो आपने रिटर्न फाइल करते समय दर्ज किया होता है। अगर वह खाता नंबर गलत है, बंद है या आपके पैन से लिंक नहीं है, तो रिफंड प्रोसेस नहीं हो पाएगा।
इससे आपको दोबारा रेक्टिफिकेशन या रिफंड री-इशू की प्रक्रिया करनी पड़ सकती है, जिसमें काफी समय लग सकता है। इस गलती से बचने के लिए ITR भरते समय अपने बैंक डिटेल्स को ध्यान से भरें और सबमिट करने से पहले दोबारा जांच लें कि सब कुछ सही है या नहीं।
4. Tax Calculations में गलती करना
ITR Filing करते समय टैक्स कैलकुलेशन में गलती करना एक आम लेकिन गंभीर चूक है। जिससे अक्सर लोग अपनी कुल आय, छूट (deductions) और टैक्स स्लैब को सही ढंग से नहीं समझते, जिससे या तो टैक्स कम भरते हैं या ज़रूरत से ज़्यादा। कम टैक्स भरने की स्थिति में बाद में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की ओर से नोटिस मिल सकता है और ब्याज व जुर्माना भी देना पड़ सकता है।
वहीं, अगर आपने ज़रूरत से ज़्यादा टैक्स भर दिया, तो आपका पैसा सरकार के पास फंसा रह जाएगा और रिफंड के लिए लंबा इंतजार करना पड़ सकता है। इसलिए सही टैक्स कैलकुलेशन के लिए Form 26AS और AIS (Annual Information Statement) से अपनी आय का मिलान करना जरूरी है।
इसके साथ ही, सैलरी के अलावा Freelancing, किराया या FD जैसे अन्य स्रोतों से हुई आय को भी जोड़ना न भूलें। यदि टैक्स कैलकुलेशन में परेशानी हो रही है, तो किसी टैक्स एक्सपर्ट या चार्टर्ड अकाउंटेंट की मदद लेना बेहतर होगा।
5. फॉर्म 26AS और AIS से मिलान न करना
ITR फाइल करते समय अगर आप फॉर्म 26AS और AIS (Annual Information Statement) से अपनी जानकारी का मिलान नहीं करते हैं, तो यह एक गंभीर गलती साबित हो सकती है। फॉर्म 26AS में आपके टीडीएस, टैक्स भुगतान और रिफंड की जानकारी होती है, जबकि AIS में आपकी बैंकिंग, निवेश और अन्य वित्तीय लेनदेन की डिटेल्स शामिल होती हैं।
अगर आपकी ITR में दी गई जानकारी इन दोनों दस्तावेजों से मेल नहीं खाती, तो आयकर विभाग आपको नोटिस भेज सकता है या आपकी रिटर्न रिजेक्ट कर सकता है। इससे रिफंड में देरी हो सकती है या जुर्माना भी लग सकता है। इसलिए ITR फाइल करने से पहले फॉर्म 26AS और AIS को ज़रूर चेक करें और सारी जानकारियों को ठीक से मिलान करें, तभी रिटर्न फाइल करें।
इन गलतियों से कैसे बचें?
– Step-by-step Tips
- सही फॉर्म चुनें: अपनी आय और स्रोत के अनुसार ITR-1, ITR-2, ITR-3 आदि का चयन करें।
- फॉर्म भरने से पहले फॉर्म 26AS और AIS जांचें: दोनों से आपकी आय और टैक्स डिटेल की पुष्टि करें।
- सभी स्रोतों की आय जोड़ें: सैलरी के साथ FD का ब्याज, किराया, फ्रीलांस इनकम भी शामिल करें।
- 80C और अन्य कटौतियों को प्रमाण के साथ भरें: गलत क्लेम करने पर पेनल्टी लग सकती है।
- रिटर्न सबमिट करने के बाद e-verify जरूर करें: बिना e-verification के आपकी फाइलिंग अधूरी मानी जाएगी।
CA की मदद लेना कब जरूरी है?
- आपकी इनकम के स्रोत कई हैं (जैसे बिजनेस, शेयर मार्केट, किराया)
- आप टैक्स ऑडिट के दायरे में आते हैं
- आपको पुराने वर्षों का रिटर्न संशोधित करना है
- आपको टैक्स नोटिस मिला है
CA आपकी फाइलिंग को वैध और सटीक बनाने में मदद करता है, जिससे नोटिस और पेनल्टी से बचा जा सके।
Official पोर्टल पर cross-check कैसे करें?
- www.incometax.gov.in पर लॉगिन करें
- ‘View Form 26AS’ से TDS और टैक्स भुगतान की जांच करें
- ‘Annual Information Statement (AIS)’ से सभी बैंक ट्रांजैक्शन और इनकम डिटेल देखें
- प्री-फिल्ड ITR की तुलना अपनी इनकम डॉक्युमेंट्स से करें
- डाटा मेल नहीं खाता है तो रिटर्न सबमिट करने से पहले सुधारें
इन सिंपल स्टेप्स को अपनाकर आप ITR Filing की आम गलतियों से बच सकते हैं और बेवजह की टैक्स ट्रबल से खुद को सुरक्षित रख सकते हैं।
निष्कर्ष
ITR फाइलिंग एक गंभीर वित्तीय प्रक्रिया है जिसमें जरा-सी लापरवाही भारी नुकसान पहुंचा सकती है। गलत फॉर्म भरना, इनकम छिपाना, बैंक डिटेल्स में गलती करना, टैक्स कैलकुलेशन में चूक और फॉर्म 26AS व AIS से जानकारी का मिलान न करना हैं इसक अलावा ये पांच बड़ी गलतियां हैं जो हर साल हजारों टैक्सपेयर्स करते हैं। इन गलतियों से बचने के लिए जरूरी है कि आप ITR भरने से पहले अपने सभी दस्तावेजों की जांच करें और यदि जरूरी हो, तो किसी टैक्स एक्सपर्ट की सलाह लें। सही ITR फाइलिंग न केवल आपकी कानूनी ज़िम्मेदारी है, बल्कि यह आपकी वित्तीय साख और भविष्य की योजनाओं के लिए भी बेहद जरूरी है।
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